Ganesh Chaturthi 2023: हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में पूरे देश में गणेश उत्सव मनाया जाता है। इस साल गणेशोत्सव 19 सितंबर मंगलवार से शुरू हो रहा है. यह दस दिवसीय उत्सव होगा और 28 सितंबर तक चलेगा. इस वर्ष पंचांग के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि केवल 2 दिन ही रहेगी. यह चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को शुरू होगी, जो 19 सितंबर को सुबह 10.28 बजे तक रहेगी। इस कारण गणेश चतुर्थी का व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा और 19 सितंबर से गणेशोत्सव शुरू हो जाएगा. इस वर्ष मंगलवार और गणेश चतुर्थी एक साथ पड़ रहे हैं और रवि योग, स्वाति और विशाखा नक्षत्र भी मौजूद हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। इस दिन हर घर में भगवान गणपति की मूर्ति सजाई जाती है और पूजा की जाती है।
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1- हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने शुक्ल और कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि आती है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की - Ganesh Chaturthi चतुर्थी तिथि को भगवान गणेशजी का जन्म हुआ था, इस कारण से सभी चतुर्थियों में यह चतुर्थी खास होती है। इस तिथि पर भगवान गणपति को घर-घर विराजमान कर उनकी पूजा-उपासना की जाती है।
2- भगवान गणेश के अलग-अलग स्वरूप हैं जिसमें हर एक स्वरूप में सफल, सुखी और शांति से जुड़े जीवन के अहम सूत्र छिपे हुए होते हैं। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश जी के सिद्धि विनायक स्वरूप की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन गणेश जी दोपहर में अवतरित हुए थे, इसलिए यह गणेश चतुर्थी - Ganesh Chaturthi विशेष फलदायी बताई जाती है।
3- गणेशजी के अनेक नाम हैं लेकिन ये 12 नाम प्रमुख है- समुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाशक , विनायक, धूमकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन। किसी भी शुभ कार्य को करने के दौरान जैसे विद्या अध्ययन, विवाह के समय, यात्रा , रोजगार के शुभारंभ या अन्य किसी भी शुभ कार्य को करते समय गणेश के 12 नाम लेने से कार्यो की अड़चनें दूर होती है और जीवन में अच्छी सफलताएं हासिल होती हैं।
4- गणेश का वाहन चूहा है इनकी दो पत्नियां रिद्वि और सिद्वि हैं। लाभ और क्षेम भगवान गणेश के दो पुत्र हैं। रिद्धि से शुभ जबकि सिद्धि से लाभ का जन्म हुआ था। संतोषी माता भगवान गणेश की मानस पुत्री हैं। माता पिता भगवान शंकर व पार्वती भाई श्री कार्तिकेय और बहन अशोक सुन्दरी हैं।
5- धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान गणेश ने 64 अवतार लिया जिनमें 12 अवतारों को बहुत ही खास माना गया है। भगवान गणेश के 12 अवतारों की विशेष पूजा आराधना की जाती है। भगवान गणेश का प्रथम नाम विनायक है। जिस असली नाम माना जाता है।
6- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर एक युग में भगवान गणेश ने अलग-अलग अवतार लिया है। ऐसी मान्यता है कि सतयुग में सिंह, त्रेतायुग में मोर, द्वापर युग में मूषक का अवतार लिया था।
7- शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश की पूजा में कभी भी तुलसी, टूटे हुए चावल, केतकी का फूल,सफेद जनेऊ और सफेद चंदन अर्पित नहीं किया जाता है।
8- Ganesh Chaturthi चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को विशेष रूप से समर्पित होती है। इसके अलावा बुधवार, अनंत चतुर्दशी, धनतेरस और दिवाली के दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा होती है।
9- भगवान गणेश प्रथम पूज्य देवता हैं और इनको दूर्वा घास, लाल रंग के फूल, बेसन के लड्डू,मोदक और केला अतिप्रिय होते हैं।
10- गणेशजी की पूजा-आराधना के दौरान उनके 4 प्रभावशाली मंत्रों का जाप अवश्य ही करना चाहिए।