ज्योतिष शास्त्र में कुंडली वह आईना है जिसके माध्यम से व्यक्ति के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है। कुंडली में स्थित बारह भाव व्यक्ति किसी व्यक्ति के शरीर, मन, रोग, शिक्षा, माता पिता इत्यादि के बारे में बताते है। हर भाव अलग अलग
चीजों का प्रतिनिधित्व करता है, जानते है कौनसा भाव हमे क्या दर्शाता है -
१) प्रथम भाव यानि लग्न भाव हमे व्यक्ति के स्वाभाव, शरीर, रंग रूप और व्यक्तित्व के बारे में बताता है ।
२) दूसरा भाव यानि धन भाव से पता चलता है की व्यक्ति की सामाजिक स्थिति, वाणी, प्रारम्भिक शिक्षा कैसे होगी ।
३) तृतीय भाव यानि पराक्रम भाव से हमे भाई, बहन, मित्र, नौकर और फैसले लेने की क्षमता के बारे में पता चलता है ।
४) चतुर्थ भाव यानि सुख भाव से माता, वाहन, जमीन जायदाद, जीवन के सुख के बारे में जाना जा सकता है ।
५) पंचम भाव से पता चलता है की संतान सुख और संतान कैसे होगी, उसकी बुद्धि और शिक्षा कैसी होगी ।
६) छटे भाव यानि शत्रु भाव से कर्ज, रोग, शत्रु , माता पिता के सम्बन्धी, दुर्घटना के बारे में पता चलता है ।
७) सप्तम भाव यानि विवाह भाव से पति - पत्नी सुख, व्यवसाय, नौकरी, पार्टनरशिप इत्यादि के विषय में ज्ञात होता है ।
८) आठवें भाव यानि आयु भाव से व्यक्ति की आयु, मृत्यु, मानसिक कलेश, अचानक आने वाले संकट के बारे में जानकारी मिलती है ।
९) नवम भाव यानि भाग्य भाव से धर्म में रूचि, आध्यात्मिकता , विदेश यात्रा और तीर्थ यात्रा के बारे में पता चलता है ।
१०) दशम भाव यानि कर्म भाव से व्यक्ति के पिता, व्यवसाय, चरित्र और सरकारी नौकरी के बारे में ज्ञात होता है ।
११) ग्यारहवे भाव यानि लाभ भाव से व्यक्ति की आय, उच्च शिक्षा, विदेश से लाभ के बारे में जाना जा सकता है ।
१२) बारहवे भाव यानि व्यय भाव से दुर्भाग्य, विवाद, मुकदमा, खर्चा तथा जेल आदि के बारे में जाना जा सकता है ।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.