July 16, 2019 Blog

श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर का इतिहास और दर्शन करने का समय

BY : STARZSPEAK

केरल के तिरुअनंतपुरम में स्थित पद्मनाभ मंदिर भारत का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है। विष्णु भगवान का यह पूजा स्थल प्रमुख वैष्णव स्थलों में शुमार है। माना जाता है किबहुत वर्षों पहले इसी स्थान पर भगवान विष्णु की एक मूर्ति खोजी गई थी जिसे यहीं पर स्थापित कर दिया गया। अब तक इस मंदिर में कई सुधार के कार्य किए जा चुके हैंजिसकी वजह से इसकी संरचना में बदलाव देखने को मिलता है।

 

पद्मनाभ मंदिर का  विवरण


मंदिर के गर्भग्रह में भगवान विष्णु शेषनाग पर लेटे हुए हैं। विष्णु भगवान की यह प्रतिमा बहुत ही विशाल है तथा इसे देखने के लिए देश-विदेश से भारी मात्रा में लोग पहुंचते हैं। यह भी माना जाता है कि 'अनंतनाम के सांप पर ही इस शहर का नाम तिरुअनंतपुरम रखा गया था। गर्भगृह में भगवान विष्णु की मूर्ति ही इस मंदिर की प्रमुख मूर्ति है। यहां पर प्रभु की विश्राम अवस्था को ही पद्मनाभ का नाम दिया गया है। 

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पद्मनाभ मंदिर का इतिहास

यह मंदिर वाकई में कब बना इस बात को लेकर कई तरह के पक्ष सामने आते हैं। कुछ इतिहासकार मानते हैं कि 10 वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण हुआतो कुछ 16वीं शताब्दी बताते हैं।  लेकिन यह पूरी तरह से सच है कि, 1733 ईस्वी में राजा मार्तंड द्वारा इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया था। मंदिर की भव्यतामंदिर के विशालता और दीवारों पर बने हुए शिल्प सौंदर्य से ही है। मंदिर का परिसर मंजिल का है तथा मंदिर के बगल में एक तालाब भी है जो इसके सुंदरता में चार चांद लगा देता है। 

 

इतिहास में कोई भी विदेशी हमलाकार इस मंदिर के संपत्ति को नहीं लूट पाए हैं। इस मंदिर में अपार संपत्ति है  और एक रहस्यमई दरवाजा हैं जिसका राज दुनिया के सामने अबतक नही आ पाया है। 1790 में टीपू सुल्तान ने इस मंदिर पर कब्जा करने को सोचा थालेकिन कोच्चि में ही उसे पराजय स्वीकार करनी पड़ी। टीपू सुल्तान के अलावा भी कई लोगों ने इस मंदिर की संपत्ति लूटने की कोशिश की लेकिन वह नाकामयाब रहे।

 

2011 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद छः रहस्यमई दरवाजे को खोला गया थाजिनमें लगभग एक लाख करोड़ की संपत्ति मिली थी। एक दरवाजा खोलना अभी शेष है और इस दरवाजे के पीछे अंधविश्वास भी बहुत है। कई लोगों का कहना है कि सातवें दरवाजे में दुनिया की सबसे बड़ी संपत्ति छुपी हुई है। 

 

लोग मानते हैं किइस दरवाजे को खोलने पर पूरी दुनिया में विप्पति आ जाएगी। इस दरवाजे को नाग बंधक मंत्र से बंद किया गया है और केवल गरुण मंत्र के सही उच्चारण से ही मंदिर का यह रहस्यमयी दरवाजा खुलेगा। इस दरवाजे की रक्षा स्वयं नाग करते हैं और इसे जबरन खोलने पर बड़ी मुसीबत आ सकती है।

 

पद्मनाभ मंदिर दर्शन समय

सुबह 3:30 से शाम 4:45 तक मंदिर के दर्शन किये जा सकते हैं। इसके बाद 6:30 से 7.00, 8:20 से 10:00, 10:30 से 11:00, 11:45 से 12:00 बजे इस मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।