भगवान कृष्ण की आरती का महत्व बहुत महत्वपूर्ण होता है। भगवान कृष्ण भक्तों के लिए एक आदर्श हैं जिन्हें पूजने और उनकी आरती गाने से उनकी दृष्टि शुद्ध होती है और मन को शांति मिलती है। इस आरती के गाने से भगवान कृष्ण भक्तों के दुख दूर होते हैं और सुख मिलता है। यह आरती भगवान कृष्ण के अद्भुत लीलाओं को स्मरण करने का भी एक शांतिदायी तरीका है। इस आरती को गाकर भक्त अपनी आँखों में भगवान कृष्ण के सामने दर्शन पाते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
भगवान कृष्ण की आरती
ओम जय श्री कृष्ण हरे,
प्रभु जय श्री कृष्ण हरे,
भक्तन के दुख सारे पल में दूर करे
!! ओम जय श्री कृष्ण हरे !!
परमानंद मुरारी मोहन गिरधारी,
जय रास बिहारी जय जय गिरधारी
!! ओम जय श्री कृष्ण हरे !!
कर कंकण कटि सोहत कानन मे बाला,
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे वनमाला
!! ओम जय श्री कृष्ण हरे !!
दीन सुदामा तारे दरिद्रों के दुख टारे ,
गज के फंद छुड़ये भव सागर तारे
!! ओम जय श्री कृष्ण हरे !!
हिरण्यकश्यप संहारे नरहरि रूप धरे ,
पाहन से प्रभु प्रगटे यम के बीच परे
!! ओम जय श्री कृष्ण हरे !!
केशी कंस विदारे नल कुबर तारे,
दामोदर छवि सुंदर भगतन के प्यारे
!! ओम जय श्री कृष्ण हरे !!
काली नाग नथैया नटवर छवि सोहे,
फन फन नाचा करते नागन मन मोहे
!! ओम जय श्री कृष्ण हरे !!
राज्य उग्रसेन पाये माताशोक हरे,
द्रुपद सुता पत राखी,
करुणा लाज भरे
!! ओम जय श्री कृष्ण हरे !!
॥ इति श्री कृष्णा आरती ॥