श्री गंगा मैया जी की आरती का महत्व बहुत उच्च होता है। इस आरती के माध्यम से भगवान विष्णु की प्रतिमा के समीप स्थित श्री गंगा मैया जी का स्मरण किया जाता है जो हमारी आध्यात्मिक एवं शारीरिक शुद्धि करती हैं। इस आरती के पाठ से श्री गंगा मैया जी से मनोकामना मांगने का अवसर प्राप्त होता है जो हमारे जीवन को समृद्ध, सुखी और उत्तम बनाता है। इसके अलावा इस आरती के पाठ से मानसिक चंचलता, तनाव, दुख, रोग एवं अन्य समस्याओं से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।
आरती श्री गंगा मैया जी
हर हर गंगे, जय माँ गंगे,
हर हर गंगे, जय माँ गंगे ॥
ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥
चंद्र सी जोत तुम्हारी जल निर्मल आता ।
शरण पडें जो तेरी सो नर तर जाता ॥
॥ ॐ जय गंगे माता…॥
पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि तुम्हारी त्रिभुवन सुख दाता॥
॥ ॐ जय गंगे माता…॥
एक ही बार जो तेरी शारणागति आता ।
यम की त्रास मिटा कर परमगति पाता॥
॥ ॐ जय गंगे माता…॥
आरती मात तुम्हारी जो जन नित्य गाता ।
दास वही सहज में मुक्त्ति को पाता॥
॥ ॐ जय गंगे माता…॥
ॐ जय गंगे माता श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता मनवांछित फल पाता॥
ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।