प्रारंभिक हाथ -
प्रारंभिक कहा जाने वाला हाथ खुरदरा और भारी होता है| उंगलिया छोटी एवं हाथ बालो से भरा होता है और हाथ बेडौल होते है | इस तरह के लोग सभ्यता के प्रारम्भिक चरण में होते है इनमे हिंसक प्रवृत्ति पायी जाती है | ये लोग बस खाने और सोने में ही अपना जीवन बिता देते है | चोर और आपराधिक प्रवृत्ति के लोग प्रायः इसी श्रेणी में आते है |
वर्गाकार हाथ -
ऐसे हाथ जिनकी आकृति वर्ग के समान प्रतीत होती है वे लोग श्रेष्ठ माने जाते है | ऐसे लोग भौतिकवादी ,दिखावे से दूर तथा झूठे आदर्शो को ना मानने वाले होते है | ये खतरों और नुक्सान की परवाह ना करते हुए भी दूसरों की सहायता करते है | ये संयमित एवं अन्तुलित जीवन जीने में विशवास रखते है | ये पुरानी परम्परा पर चलने के बजाय तर्क की कसौटी पर चीजों को परखते है | ये ईमानदार ,भावुक ,धैर्यवान , धार्मिक ,शिष्ट , दयावान ,साहसी एवं उच्च विचरो के धनी होते है | नेतृत्व की क्षमता इनमे प्रायः किसी भी अन्य व्यक्ति से अधिक होती है |
दार्शनिक हाथ -
ये हाथ फूले , गठीले जोड़ो वाले , बेडौल ,लम्बे नाख़ून एवं लम्बे हाथ वाले नुकीले होते है | ये हाथ अन्य हाथो की अपेक्षा पतले होते है | ऐसे लोग सर्वोत्तम मानव श्रेणी में आते है | ऐसे ही लोग समाज का नेतृत्व एवं मार्गदर्शन करते है | ये लोग अच्छे दार्शनिक एवं आदर्शवादी होते है | ये जिज्ञासु प्रवृत्ति के होते है | बड़े दार्शनिक , विचारक , संत ,कलाकार एवं साहित्यकार इसी श्रेणी में आते है| ये धन की अपेक्षा मान प्रतिष्ठा को अधिक महत्व देते है | ये मधुरभाषी , धैर्यवान एवं अंतर्मुखी होते है | सोच समझ कर ही निर्णय लेते है | यदि इनकी ऊँगली वर्गाकार हो तो इन्हे धन की कमी नहीं रहती अन्यथा ये आर्थिक तंगी से भी जूझते रहते है | यदि इनकी ऊँगली नुकीली हो तो ये संत स्वभाव के होते है |
कर्मठ हाथ -
ऐसा हाथ चौड़ाई की अपेक्षा अधिक लम्बाई लिए हुए होता है | कलाई भारी एवं हाथ हल्का होता है हथेली मांसल एवं हाथ बेडौल एवं फैला होता है | ऐसे व्यक्ति न तो खली बैठते है न किसी को बैठने देते है | ये शारीरिक एवं मानसिक दोनों ही श्रम में निपुण होते है | ये जिज्ञासु एवं सफलतम व्यक्तियों की श्रेणी में आते है | ये भावुक एवं व्यवहार कुशल होते है | ये यदि कोई कार्य थान ले तो बिना पूर्ण किये विश्राम नहीं करते | ये लोग ना तो किसी के कार्यो में हस्तक्षेप करते ही ना ही अपने कार्यो में किसी का गतिरोध पसंद करते है | प्रायः देखा गया है ऐसा हाथ नेताओ , वैज्ञानिको , डाक्टरों या इंजीनियरों का होता है |
कलात्मक हाथ -
नुकीली, पतली ,सुघड़ एवं कलात्मक इस हाथ की विशेषताएं है | ये लोग अद्भुत मस्तिष्क के स्वामी होते है | ये कर्मठ एवं परिश्रमी होते है | इनकी क्रियाशीलता एवं हाजिरजवाबी के सभी कायल होते है | ये सौन्दर्यप्रेमी एवं कलाप्रेमी होते है | इन्हे व्यवहार कुशल नहीं कहा जा सकता | ये कठोर ह्रदय के स्वामी होते है | ये हाथ सुंदर एवं कोमल होते है किन्तु जीवन में सफल नहीं कहे जा सकते यदि इनका हाथ थोड़ा कड़ापन लिए हुए हो तो ये अपनी कला से धन अर्जित करते है | ये पलायनवादी एवं असफल प्रेमी होते है | इनका जीवन क्लेशपूर्ण एवं भावना प्रमुख होता है | ये मृदुभाषी और विनयशील होते हुए भी परेशानियों का सामना करते है |
आदर्श हाथ -
गठीला ,सुडौल ,गुलाबी रंगतयुक्त मुलायम एवं समानुपातिक हाथ ही आदर्श हाथ कहलाता है | ऐसे व्यक्ति धनी , उन्नत एवं उर्वर मस्तिष्क के स्वामी होते है | चीजों का गहन अध्ययन करना इनका स्वभाव होता है | ये अपनी धुन में मस्त , सतत गतिशील होते है | ये समस्या का सामना डट कर करते है इनका प्रारम्भिक जीवन भोग विलास में बीतता है किन्तु जीवन के अंतिम क्षणों में ये असफलताओं से जूझते रहते है | यदि इन्हे अपने जीवन में परेशानियों का सामना ना करना पड़े तो ये समाज में कुछ करने की इच्छा रखते है और करते है | ये सिद्धांतवादी ,आत्मविश्वासी अतिवादी होते है | अपव्ययी एवं अतिवाद के कारण इन्हे अपमानित भी होना पड़ता है |
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.