आजकल माघ मास चल रहा है जो की सभी महीनो में श्रेष्ठ माना जाता है, इसका कारण है कि इस महीने बहुत से पर्व आते है । इसका नाम माघ नक्षत्र के नाम पर पड़ा है ।
ऐसी मान्यता है कि इस महीने दान पुण्य करने का, नदी में स्नान करने का तथा पूजा अर्चना करने का विशेष फल प्राप्त होता है इसलिए इस माह को बहुत ही पवित्र माना जाता है ।
इस माह की कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है, इस दिन मौन रखने की परंपरा है । ज्ञान की सरस्वती का पर्व बसंत पंचमी भी माघ के महीने में ही आता है । इस दिन छात्र विशेष उत्साह के साथ सरस्वती की पूजा करते है तथा पीले वस्त्र धारण करते है । माघ के महीने में शुक्ल पक्ष की सप्तमी को अचली सप्तमी या भानू सप्तमी आती है, इस दिन व्रत रखने की परंपरा है । हिन्दू लोग इस दिन को बहुत ही शुभ मानते है । इस मास में काले तिल दान करने की भी परंपरा है ।
इस दिन के अंत में माछी पूर्णिमा आती है, ऐसा माना जाता है की इस दिन चन्द्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है तथा चंद्र से अमृत की वर्षा होती है । इस दिन लोग नदी में स्नान करते है जिसके पीछे ऐसी मान्यता है की इससे रोगो तथा पापों से मुक्ति मिलती है तथा सूर्य व चंद्र ग्रह का पाप प्रभाव कम हो जाता है।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.