December 26, 2017 Blog

रात को 12 बजे शुभ कार्य क्यों नहीं करने चाहिए!

BY : STARZSPEAK

लेखक: सोनू शर्मा

शास्त्रों के अनुसार एक दिन में आठ पहर होते है, प्रत्येक पहर लगभग तीन घंटे का होता है । चार पहर दिन में चार पहर रात में होते है । हर पहर का अपना अलग - अलग महत्व होता है ।

कुछ काल शुभ व कुछ अशुभ होते है, प्रायः आज कल एक नई प्रथा का चलन जोरों पर है, वह है रात में बारह बजे जन्मदिन व शादी की सालगिरह मनाने का । रात बारह बजे के समय को निशीथ काल व प्रेत काल की संज्ञा की गई है । मध्यरात्रि का समय शुभ कार्यों के लिए ठीक नहीं माना जाता क्योकि इस समय भूत, पिशाच आदि शक्तियाँ अधिक शक्तिशाली होती है ।

शास्त्रों के अनुसार ऐसी शक्तियाँ हमे दिखाई नहीं देती लेकिन उनका हमारे ऊपर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है । ऐसा करने से हमारे जीवन में अनेक संकट आ सकते है, व्यक्ति की आयु व भाग्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है तथा जीवन में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती है ।

अक्सर देखा जाता है की आजकल पार्टियों में लोग मांस, मदिरा व चटपटे व्यंजन परोसते है तथा रात्रि में 12 बजे केक काटते है । रात में वे अदृश्य शक्ति इन सभी तामसिक चीजों से प्रभावित होकर वहाँ मंडराती रहती है तथा वहाँ उपस्थित लोगो पर नकारात्मक प्रभाव डालती है । यदि हम रात में किसी को शुभकामना सन्देश भेजते है तो वह फलदायी नहीं होता ।

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय का समय सबसे अधिक शुभ माना जाता है क्योकि यह समय पवित्र होता है इसीलिए हमारे यहाँ सभी शुभ कार्य सूर्योदय के पश्चात् ही किए जाते है ।