ज्योतिष शास्त्र एक गहन शास्त्र है, इसका अध्यन्न करके हम विभिन विषयो की जानकारी प्राप्त कर सकते है । मौसम से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए 28 नक्षत्रो का प्रयोग किया जाता है ।
यदि सूर्य मिथुन राशि में 6 अंश 40 कला युक्त अद्रा नक्षत्र में स्थित हो तो यह दर्शाता है कि उत्तर भारत में मानसून सक्रिय होने वाला है, इसी प्रकार यदि सूर्य कन्या राशि में 10 अंश युक्त हो तो यह मानसून के समाप्त होने की सूचना देता है ।
यदि अधिकतर गृह एक ही राशि में हो तथा सामान्य नक्षत्र भी एक हो और इनके साथ मंगल और सूर्य की युति हो तो तथा मंगल चंद्र के साथ स्थित हो तो ऐसी स्थिति में यदि समय मानसून का न हो फिर भी भीषण वर्षा की सम्भावना बनी रहती है । यदि एक ही राशि में अधिक गृह स्थित हो तो यह मौसम में बदलाव का सूचक है ।
इसी प्रकार यदि मंगल एक राशि से दूसरी राशि में दो दिनों में ही गोचर करे तो यह भी मौसम के बदलाव का सूचक है । यदि यह वर्षा ऋतु में हो तो वर्षा अच्छी होने का संकेत देती है ।
जब भी कोई विशेष ग्रह राशि परिवर्तन करता है तो मौसम में जरूर बदलाव आता है, जिस दिन वक्री ग्रह पुनः मार्गी होते है उस दिन तापमान में तथा नमी में बदलाव आता है तथा मौसम अव्यवस्थित हो जाता है ।
जब सूर्य, शुक्र तथा बुध के मध्य हो तो कुछ समय के लिए वर्षा रुक जाती है।