जब भी घर में कोई मांगलिक या शुभ काम किया जाता है तो उस कार्य को निर्विघ्न संपन्न करने के लिए सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा की जाती है, गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है । ऐसा माना जाता है की गणेश जी हमे विद्या, बुद्धि, बल व तेज प्रदान करते है ।
गणेश जी को गजानन, एकदन्त, कपिल, सुमुख, लम्बोदर व गजकर्णक नाम से भी जाना जाता है, ऐसी मान्यता है की गणेश जी का सच्चे मन से स्मरण व ध्यान करने से , इनकी जाप व अराधना करने से हमारे सभी कार्य सफल होते है । वह व्यक्ति जो भी कामना करता है वह जरूर पूरी होती है, घर में सुख शांति आती है तथा घर में बरक्कत होती है ।
पौराणिक कथा के अनुसार सर्वश्रेष्ठ देव का निर्णय करने के लिए ब्रह्मा जी ने सब देवताओं को सृष्टि की परिक्रमा करने का आदेश दिया था ,सब देवता अपने वाहन पर बैठ कर पृथ्वी की परिक्रमा लगाने लगे । सभी देवता परिक्रमा के लिए निकल पड़े परन्तु गणेश जी बुद्धिमान थे उन्होंने ब्रह्माण्ड का चक्कर न लगाकर अपने माता-पिता की सात परिक्रमा लगाई और उनके सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए । ब्रह्मा जी उनके इस बुद्धि कौशल से बहुत प्रसन्न हुए तथा उन्होंने गणेश जी को सबसे पूज्य देवता बताया, तभी से किसी भी शुभ कार्य के प्रारम्भ में गणेश जी की पूजा होने लगी । गणेश जी की पूजा में उन्हें मोदक का भोग जरूर लगाया जाता है तथा उसके बाद आरती की जाती है ।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.