September 19, 2017 Blog

क्या है चतुर्मास और चतुर्मास में किन चीजों को अपनाएं और किसका करें त्याग!

BY : Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

Table of Content

लेखक: सोनू शर्मा

हिन्दू धर्म में चतुर्मास का बहुत महत्व है, प्रत्येक वर्ष आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के समय को चतुर्मास कहा जाता है ।

- धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो इन दिनों कोई भी शुभ या मांगलिक कार्यो का निषेध होता है, शुभ कार्य जैसे विवाह, देवी - देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा, यज्ञ इत्यादि नहीं किए जाते ।

- ऐसा माना जाता है की इन दिनों विष्णु भगवान पाताल लोक में विश्राम करते है, यह चार महीने धर्म ध्यान, उपासना तथा तीर्थवन्दना करने के लिए श्रेष्ठ होते है । इन दिनों संयम से रहकर साधना की जाए तो वह विशेष फलदायी होती है ।

- इन दिनों वर्षाकाल होने से जीवाणु एवं रोग के कीटाणु सक्रिय हो जाते है जिससे हमारे स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है इसलिए हमारे शास्त्रों में कुछ ऐसे व्रत व नियम बताए गए है जिनको करके हम धर्म के साथ - साथ अपने शरीर को भी निरोग रख सकते है । इसको ध्यान में रखते हुए श्रावण में हरे पत्ते दार सब्जियाँ, भादप्रद के महीने में दही, अश्विन मास में दूध और कार्तिक मास में दाल नहीं खानी चाहिए । इन दिनों मिठाई, तले हुए पदार्थ, मसालेदार पकवान, मधु, मांस का त्याग करना चाहिए । गुड़, तेल, बैगन इत्यादि पदार्थ ग्रहण नहीं करने चाहिए ।

- ऐसा माना जाता है की जो व्यक्ति चतुर्मास मे नमक का त्याग करके भोजन ग्रहण करता है उसके सारे मनोवांछित कार्य पूरे हो जाते है ।

Author: Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.