ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अलग - अलग तिथियों में जन्मे जातक अलग - अलग स्वाभाव लेकर पैदा होते है, जब भी ज्योतष कुंडली का विश्लेषण करता है तो वह तिथि की भी गणना करता है तथा उसी के अनुसार फलादेश देता है -
प्रतिप्रदा का जन्मा जातक भरे पूरे परिवार वाला, सुन्दर, आकर्षक, राजकीय सम्मान पाने वाला तथा विवेकी होता है ।
द्वितीया को जन्मा व्यक्ति करुणावान, कीर्तिवाला, सदा प्र प्रसन्न रहने वाला, दूसरो को दान देने वाला होता है ।
तृतीया तिथि को जन्मा जातक पराक्रमी, विदेशो में भ्रमण करने वाला, चतुर, विनोद प्रिय लेकिन अभिमानी होता है ।
चतुर्थी तिथि को जन्मा जातक हमेशा कर्ज में रहने वाला, जुआँ खेलने वाला, चंचल स्वाभाव का तथा सबसे वाद - विवाद करने वाला होता है ।
पंचम तिथि को जन्मा जातक सुन्दर रूप वाला, अनेक मित्र वाला, बोलने में प्रवीण वक्ता, दयावान तथा दान देने वाला होता है ।
छटी तिथि को जन्म लेने वाला व्यक्ति हमेशा सच बोलने वाला, धन व पुत्र वाला, चतुर व श्रेष्ठ होता है ।
सप्तमी तिथि को जन्म लेने वाला व्यक्ति सुन्दर, बड़े नेत्रों वाला, शत्रुओं का नाश करने वाला, ज्ञानवान, गुणवान, ब्राह्मण की सेवा करने वाला होता है ।
अष्टमी तिथि को जन्मा जातक स्त्रियों से लगाव रखने वाला, चंचल स्वाभाव वाला, अनेक प्रकार की धन सम्पदा वाला होता है ।
नवमी तिथि को जन्मा जातक धार्मिक गुरुओं का अपमान करने वाला, कठोर वचन बोलने वाला, अपने परिजनों से दूर रहने वाला होता है ।
दशमी तिथि को जन्मा जातक अनेक शास्त्रों का ज्ञाता, धर्मिक, दान देने वाला तथा विजयी होता है ।
एकदशी तिथि को जन्मा जातक व्रत उपवास करने वाला, पवित्र हृदय वाला, अच्छे कार्य करने वाला होता है ।