January 3, 2024 Blog

Gayatri Mantra : 24 अक्षरों जैसा ऊर्जायुक्त रहेगा साल 2024, पूरे वर्ष मिलेगा बुद्धिबल को तवज्जोह

BY : STARZSPEAK

वर्ष 2024 का उदय जब 31 दिसंबर/1 जनवरी की मध्य रात्रि में 12 बजे जन्म होगा, तब उसका लग्नेश बुध है. जाहिर है कि बुद्ध के देवता देवताओं के अधिपति श्रीगणेश हैं.

Astrology: ब्रह्मांड की रहस्यमयी गतिविधियों पर नजर रखने वाला ज्योतिष शास्त्र आधुनिक तकनीकी विज्ञान के युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से भी आगे का विज्ञान है। ज्योतिषशास्त्र ने आकाश से लेकर पाताल तक हर चीज़ पर अपनी नज़र रखी है। ज्योतिषियों ने ब्रह्मांड के महान ग्रह सूर्य और भाग्य निर्धारित करने वाले चंद्रमा सहित अंतरिक्ष में मौजूद सभी ग्रहों की चाल, चेहरे और चरित्र का अध्ययन किया। इतना ही नहीं, समय चक्र पर गहराई से नजर डालने पर ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से त्रिकाल और त्रिकाल जीवन के प्रभाव का भी पता चलता है। इसी क्रम में ज्ञान के सर्वोच्च ग्रंथ श्रीमद्भागवत गीता (Bhagavad Gita) पर नजर स्वत: ही पड़ जाती है। ज्योतिष की तुलना श्रीमद्भागवत गीता से इसलिए प्रासंगिक है क्योंकि इस ग्रंथ के 10वें विभूतियोग और 11वें विश्वरूपदर्शन योग में योगेश्वर श्रीकृष्ण ही ज्योतिष के देवता और प्रणेता के रूप में सामने आते हैं।

यह भी पढ़ें - Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर बन रहे हैं दुर्लभ योग, जरुर करें ये 3 काम, सूर्य की तरह चमकेगा भाग्य

gayatri mantra
ग्रंथ के प्रथम अध्याय के प्रथम श्लोक में...

इन दो अध्यायों के अतिरिक्त अन्य अध्यायों में जिस प्रकार वे अर्जुन को उपदेश दे रहे हैं, उससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि यह ग्रन्थ ज्योतिष का हिमालय है। श्रीमद्भागवत गीता (Bhagavad Gita) का आरंभ अंधकार में प्रकाश की खोज से है। पुस्तक के पहले अध्याय के पहले श्लोक में अंधकार के प्रतीक धृतराष्ट्र अपने पुत्रों और परिवार का भविष्य जानने के लिए उत्सुक हैं। ज्योतिषीय दृष्टि रखने वाले संजय के साथ राशिफल साझा करते हुए सम्राट धृतराष्ट्र 'धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेत युयुत्सवः, मामकाः पांडवश्चैव किमकुर्वत संजय' कहते नजर आ रहे हैं। इस श्लोक में 'मैंने और पांडु के पुत्रों ने धर्मक्षेत्र और कुरुक्षेत्र में एकत्र होकर क्या किया?' के बहाने धृतराष्ट्र की महाभारत युद्ध का भविष्य जानने की इच्छा दिखाई देती है।

महाभारत के युद्ध के हर महारथियों का...

महाभारत युद्ध के हर महारथी की यही स्थिति है कि हर कोई न केवल भविष्य को लेकर बल्कि अतीत और वर्तमान को लेकर भी चिंतित है। सांसारिक जीवन भी महाभारत युद्ध से कम नहीं है। देश, काल और परिस्थितियों का मानव जीवन पर प्रभाव पड़ता है। इस दृष्टि से यदि तीनों कसौटियों पर कस कर वर्ष 2024 की भविष्यवाणी की जाए तो पूरे वर्ष के लिए शुभता का पलड़ा हर स्तर पर भारी नजर आता है। वर्ष 2024 के उदय का जन्म 31 दिसंबर/1 जनवरी की रात्रि 12 बजे हुआ है तो उनका लग्न लग्न बुध है। स्पष्टतः बुद्ध के देवता देवताओं के देव भगवान गणेश हैं। लग्न में बुध की उपस्थिति का मतलब है कि पूरे वर्ष बौद्धिक शक्ति पर ध्यान दिया जाएगा। यानी बौद्धिक कार्य करने वाला ही छलांग लगाने में सफल होगा, जबकि शारीरिक बल से प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश कारगर नहीं होगी.

बुध ग्रहों का राजुकमार है...

भारतीय ऋषियों ने भी 'विद्वत्वं च नृपत्वं च नैव तुल्यं कदाचन, स्वदेशे पूज्यते राजा वैधं सर्वत्र पूज्यते' का उद्घोष किया है। बुद्धि की शक्ति को प्राथमिकता के क्रम में 'यस्य बुद्धि: तस्य बलम्, निर्बुद्धस्य कुतो बलम्' का अर्थ यह है कि बुद्धि की शक्ति के कारण ही मनुष्य सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है। अपनी बुद्धिमत्ता के कारण वह देवत्व प्राप्त करने की क्षमता रखता है। बुध ग्रहों का स्वामी है और शांत स्वभाव का है इसलिए नई पीढ़ी के लोग जल्दबाजी छोड़कर शांत मन से कोई भी काम करेंगे तो यह साल उनके लिए अनुकूल रहेगा।

सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात...

साल 2024 का राशिफल देखें तो उनकी राशि सिंह है क्योंकि उनका जन्म मघा नक्षत्र में हुआ है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस प्रकार मघा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति को उसके पूर्व जन्मों के संचित कर्मों का फल मिलता है, उसी प्रकार वर्ष 2024 भी उसके लिए फलदायक रहेगा। इसका मतलब यह है कि जिन लोगों ने पिछले वर्षों में जिस प्रकार के कर्मों में निवेश किया है, उन्हें इस वर्ष उसका फल अवश्य मिलेगा। यानी नए साल 2024 में जो फसल बोई गई है, उसकी कटाई का समय आ गया है। मघा नक्षत्र साहसी और राज्य पर निर्भर है, इसलिए साल 2024 में साहसिक फैसले लेने की जरूरत होगी और पूरा मिलेगा। सरकारी अधिकारियों से समर्थन.

वर्ष 2024 के आगमन के वक्त आयुष्मान योग...

वर्ष 2024 के आगमन के समय आयुष्मान योग भी बन रहा है, ऐसे में संक्रामक रोगों पर नियंत्रण होने की संभावना है। इसके साथ ही साल की शुरुआत देवाधिदेव महादेव के प्रिय दिन सोमवार से हो रही है। यह पौष माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। यह महादेव के पंचानन स्वरूप से मेल खा रहा है, ऐसी स्थिति में भारत की स्थिति विश्व वन्दनीय महादेव जैसी होगी। महादेव समस्याओं के समाधान के देवता हैं। जब भी संसार पर विपरीत परिस्थितियाँ आईं तो ब्रह्मा और विष्णु भी महादेव से सहायता लेते रहे। ऐसे में भारत दुनिया में पैदा होने वाली स्थितियों का समाधान देने की स्थिति में होगा.

यह वर्ष गायत्री महामंत्र की तरह...

भारत के ऋषि-मुनियों की वाणी 'अयम् निजः परोवेति गणना लघुचेत्सम्, उदारचरितानाम् तु वसुधैव कुटुम्बकम्' सार्थक होती दिखाई देगी। वर्ष 2024 भारत की संसद में लिखे गए मंत्र 'वसुधैव कुटुंबकम' की सार्थकता के कारण भारत के महत्व को बढ़ाने का काम करेगा। जिस प्रकार महादेव के परम भक्त रावण को अपने झूठ और छल के कारण गति मिली, वही इस वर्ष नकारात्मक प्रवृत्तियों का लाभ उठाने वालों के साथ होगा। ऐसे लोग असफल होंगे. इस प्रकार अंक ज्योतिष की दृष्टि से वर्ष 2024 को देखें तो यह अंक गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) के 24 अक्षरों से पहचाना जाता है। अत: सच्चे मन से ईश्वर की आराधना करने वालों के लिए यह वर्ष गायत्री महामंत्र जैसा स्वर्णिम अवसर प्रदान करेगा।

यह भी पढ़ें - New Year 2024: नए साल के पहले दिन करें इन 5 मंत्रों का जाप, सालभर प्रसन्न रहेंगी लक्ष्मी जी