July 11, 2017 Blog

कुंडली में द्वितीय और चतुर्थ भाव से जाने की व्यक्ति की शिक्षा के बारे में !

BY : Dr. Rahul Nair – Education Counselor & Spiritual Teacher

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लेखक: सोनू शर्मा

प्रत्येक माता पिता का सपना होता है की उनका बच्चा अच्छी शिक्षा ग्रहण करे क्युकी अच्छी शिक्षा ही उसे अच्छा कैरियर देती है । कुछ बच्चे बहुत कम मेहनत करके भी बहुत जल्दी किसी विषय को ग्रहण कर लेते है और कुछ बच्चे माता - पिता और अध्यापक के प्रयत्न करने पर भी किसी विषय को समझने में असमर्थ होते है । बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है की बच्चे की संगती कैसी है, आसपास का वातावरण कैसा है लेकिन ये भी हो सकता है की बच्चे की कुंडली में शिक्षा का भाव कमज़ोर हो इसीलिए मेहनत करने पर भी वह असफल होता हो, जानते है

कुंडली में द्वितीय और चतुर्थ भाव क्या बताते है व्यक्ति की शिक्षा के बारे में –

द्वितीय भाव - कुंडली में दूसरा भाव व्यक्ति की प्रारंभिक शिक्षा के बारे में बताता है, यदि दूसरा भाव बलवान हो तथा बुरे ग्रहो की दृष्टि उस भाव पर नहीं हो तो व्यक्ति बाल्यकाल में अच्छी शिक्षा प्राप्त करता है । दूसरे भाव से पढ़ाई में निपुणता, प्रवीणता आदि का विचार किया जाता है । यदि ग्रहो की स्थिति सही हो तो शिक्षा और बुद्धि अच्छी होगी ।

चतुर्थ भाव - यदि कुंडली में चतुर्थेश लग्न में तथा लग्नेश चतुर्थ भाव में बैठा हो तो व्यक्ति की शिक्षा अच्छी होती है । यदि लग्न में बुध हो तथा चतुर्थ स्थान बली हो तथा उस पर पाप दृष्टि न हो तो व्यक्ति की शिक्षा अच्छी होती है । यदि चतुर्थेश पंचम भाव में केंद्र या त्रिकोण से सम्बन्ध बनाए तो व्यक्ति बहुत बुद्धिमान होता है ।

Author: Dr. Rahul Nair – Education Counselor & Spiritual Teacher

Dr. Rahul Nair, with 15+ years in student counseling, integrates psychology and spirituality to guide learners toward aligned educational paths, personal growth, and meaningful success in life.