October 11, 2023 Blog

Tula Sankranti 2023: इस साल कब मनाई जाएगी तुला संक्रांति, जानिए इस दिन स्नान, दान का क्या है महत्व

BY : Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

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Tula Sankranti 2023 Date: जब सूर्य देव तुला राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे तुला संक्रांति कहा जाता है। यह संक्रांति विशेष रूप से उड़ीसा और कर्नाटक में मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों को दान देने का भी विशेष महत्व है।

संक्रांति वह घटना है जब सूर्य देव राशि चक्र में भ्रमण करते हुए एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। 12 राशियाँ होने के कारण एक सौर वर्ष में बारह संक्रांतियाँ होती हैं। जब सूर्य देव कन्या राशि को छोड़कर तुला राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे तुला संक्रांति - Tula Sankranti कहा जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि साल 2023 में तुला संक्रांति कब मनाई जाएगी, साथ ही इस दिन स्नान और दान का महत्व भी जानते हैं।

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तुला संक्रांति शुभ मुहूर्त (Tula Sankranti Shubh Muhurat)

इस वर्ष तुला संक्रांति आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी 18 अक्टूबर को मनाई जाएगी। क्योंकि इसी दिन दोपहर 01:29 बजे सूर्य देव कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन पुण्य काल सुबह 06 बजकर 23 मिनट से दोपहर 12 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. वहीं इस दिन महापुण्य काल सुबह 06 बजकर 23 मिनट से 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा.

तुला संक्रांति पर स्नान दान का महत्व (Tula Sankranti importance)

सनातन धर्म में संक्रांति को दान, तप और श्राद्ध कर्म आदि करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। संक्रांति - Tula Sankranti के दौरान लोग जरूरतमंदों को दान करते हैं, पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और पूर्वजों के लिए श्राद्ध करते हैं। इससे साधक को पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संक्रांति तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिल जाती है। वहीं पूजा के बाद अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों को दान करने से अक्षय फल मिलता है। इस साल तुला संक्रांति 18 अक्टूबर को है.

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Author: Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.