September 6, 2023 Blog

Hartalika Teej 2023: इस साल कब है हरतालिका तीज? जानें सही तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व

BY : STARZSPEAK

Hartalika Teej 2023 Date: पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन मां गौरा पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है, जो विधिपूर्वक की जाती है। यह व्रत करवा चौथ की तरह ही बहुत कठोर माना जाता है और इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। अन्यत्र, हरतालिका तीज व्रत में कुछ प्राकृतिक समय बिताना भी शामिल है, जिसमें चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देना भी शामिल है। इस व्रत का मुख्य उद्देश्य विवाहित महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य की प्राप्ति करना है, लेकिन अविवाहित लड़कियां भी अच्छे वर की कामना से इसे रखती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन सुखी होता है और पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम बढ़ता है। तो आइए जानते हैं हरतालिका तीज की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में…

हरतालिका तीज 2023 तिथि

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि रविवार, 17 सितंबर को सुबह 11:08 बजे शुरू होती है। यह तिथि अगले दिन यानी 18 सितंबर, 2023 को दोपहर 12:39 बजे समाप्त होती है। 18 सितंबर को हरतालिका तीज - Hartalika Teej मनाई जाएगी.

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Hartalika Teej

हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त 2023

हरतालिका तीज - Hartalika Teej की पूजा के लिए इस दिन 3 शुभ मुहूर्त हैं. प्रथम काल प्रातः 06:07 से 08:34 तक है. उसके बाद दूसरा समय 09:11 से 10:43 तक है। मुहूर्त दोपहर 03:19 बजे से शाम 07:51 बजे तक है। आप इन तीन मुहूर्तों के दौरान कभी भी पूजा कर सकते हैं।”

हरतालिका तीज पूजन सामग्री

"हरतालिका तीज - Hartalika Teej पूजा के लिए सबसे पहले भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति की आवश्यकता होती है। इसके अलावा पीला कपड़ा, केले का पत्ता, पवित्र धागा, सुपारी, रोली, बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते, दूर्वा, कलश, अक्षत, घी, कपूर, गंगाजल, दही, शहद और सिन्दूर, बिंदिया, मेंहदी, कुमकुम आदि 16 श्रृंगार सामग्री की आवश्यकता होती है।

हरतालिका तीज पूजा विधि

हरतालिका तीज - Hartalika Teej व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनें। फिर शुभ मुहूर्त में हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प करें और फिर पूजा शुरू करें। इस दिन माता पार्वती, भगवान शिव और उनके पुत्र गणेश की भी पूजा की जाती है।

माता पार्वती, भगवान शिव शंकर और भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति बनाकर एक चौकी पर स्थापित करें। अक्षत, चुनरी, फूल, फल, धूप और दीप आदि सामग्री से माता पार्वती की पूजा करें। साथ ही सफेद चंदन, बिल्वपत्र, भांग, धतूरा आदि सामग्रियों से भगवान शिव की पूजा करें और उन्हें सफेद फूल चढ़ाएं।

भगवान शिव की पूजा करते समय “ओम नमः शिवाय“ मंत्र का जाप करें। इसके बाद भगवान शिव, पार्वती और भगवान गणेश को भोग लगाएं। माता पार्वती की पूजा करते समय ऊँ उमायै नम: मंत्र का जाप करें। इसके बाद कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना करती हैं।

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