August 25, 2023 Blog

Raksha Bandhan 2023: क्या होता है भद्रा काल, इस समय क्यों नहीं बांधी जाती राखी

BY : Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

Table of Content

Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन का त्योहार सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनके सफल जीवन की प्रार्थना करती हैं। इसी प्रकार भाई भी अपनी बहनों को सुरक्षा का आश्वासन देते हैं। इस साल रक्षाबंधन - Raksha Bandhan के दिन पंचक और भद्रा काल का निर्माण हो रहा है इसलिए रक्षाबंधन का त्योहार दो दिन यानी 30 अगस्त और 31 अगस्त को मनाया जाएगा.

क्या होता है भद्रा काल

पुराणों के अनुसार भद्रा को भगवान सूर्य की पुत्री और राजा शनि की बहन माना जाता है। इनका स्वभाव भी अपने भाई शनिदेव की तरह कठोर माना जाता है। उनके स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उन्हें पंचांग या कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया। भद्रा की स्थिति में कुछ शुभ कार्य, यात्रा और उत्पादन आदि वर्जित होते हैं, हालाँकि यह समय तंत्र कार्य, अदालती और राजनीतिक चुनाव के लिए उपयुक्त माना जाता है।

इस समय क्यों नहीं होते शुभ कार्य

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने भद्रा को श्राप दिया था, जिसके अनुसार जो व्यक्ति किसी भी भद्राकाल में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य करेगा, उसे उसमें सफलता नहीं मिलेगी। इस विशिष्ट श्राप ने उनके भाग्य की मात्रा को प्रभावित किया। ऐसा माना जाता है कि इसी श्राप के कारण भद्रा काल के दौरान राखी बांध - Raksha Bandhan ने जैसे शुभ कार्य वर्जित थे। भद्रा काल का पालन शुभ कार्यों के लिए अशुभ समय माना जाता है और इसके परिणामस्वरूप उन कार्यों में सफलता नहीं मिलती है।

यह भी पढ़ें - Raksha Bandhan 2023: तिथियों में उलझन? यहाँ देखें सही तिथि और मुहूर्त

Raksha Bandhan

जानिए रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

रक्षाबंधन - Raksha Bandhan भद्रा काल के बाद ही मान्य होता है, जब भगवान ब्रह्मा ने भद्रा को एक विशेष श्राप दिया था। इस श्राप के अनुसार जो भी व्यक्ति भद्राकाल में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य करेगा, उसे उसमें सफलता नहीं मिलेगी। परिणामस्वरूप भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं और वे सफल नहीं होते हैं।

इस साल भी सावन पूर्णिमा यानी 30 अगस्त को भद्रा की अशुभ तिथि में है. ऐसे में राखी बांधने का शुभ समय 30 अगस्त की रात 9 बजे के बाद या 31 अगस्त की सुबह 7 बजे तक है. भाई को राखी बांधने के लिए ये दो समय बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस अवस्था में भद्रा नहीं होने के कारण इस समय में शुभ कार्यों का आयोजन करना मान्य होता है।

भद्रा काल के श्राप के कारण ही इस दौरान रक्षाबंधन - Raksha Bandhan के शुभ कार्यों को टाला जाता है, जिससे व्यक्ति के शुभ कार्यों का प्रतिक्रियात्मक परिणाम परिस्थितियों के अनुरूप नहीं होता है।

यह भी पढ़ें - राखी के रंग भाइयों के जीवन में कैसे देते है आनंद, कैसे चुने राखी के रंग?

Author: Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.