
राशि चक्र में स्थित ग्रहों की स्थिति यह निर्धारित करती है कि जातक का घर होगा या नहीं। लेकिन जब कोई व्यक्ति अपना घर खरीदेगा, तो यह केवल मुख्य अवधि या उप-अवधि के आधार पर ही निर्धारित किया जा सकता है जिन्हें कुंडली में महा दशा और अंतर दशा कहा जाता है। चतुर्थ स्वामी, द्वितीय स्वामी, 11वां या 9वां और 10वां भाव या अधीनस्थ स्वामी जातक को घर या संपत्ति दे सकते हैं।Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.