April 30, 2020 Blog

किचन वास्तु टिप्स - ये छोटे टिप्स आपकी रसोई के लिए है बड़े काम के

BY : STARZSPEAK

किचन वास्तु टिप्स   - ये छोटे टिप्स आपकी रसोई के लिए है बड़े काम के  

सभी भारतीय घरों में रसोई घर का एक अभिन्न स्थान होने के साथ-साथ हमारी दिन भर की ऊर्जा का स्रोत भी होता हैं। हमारी रसोई में हर एक चीज़ का एक अलग महत्व होता हैं और अगर इन सबको वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार रखा जाए, तो यह हमारी रसोईं घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता हैं। विषेशज्ञों के अनुसार, रसोई घर का वास्तु के हिसाब से होना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि ये हमारे बेहतर स्वास्थ्य और घर की समृद्धि में सुधार लाने के लिए जरूरी होता हैं।

रसोई घर का सबसे प्रभावी क्षेत्र होता है जहां से सभी प्रकार की ऊर्जाएं प्रबल होती हैं। अगर रसोईघर का निर्माण एक विशेषज्ञ वास्तु सलाहकार से सलाह करके बनाया जाता है तो यह घर में वातावरण अच्छा बनाता हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता हैं। यदि रसोई को गलत तरीके से रखा गया है तो इसका प्रभाव उल्टा पड़ता हैं। घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रसोई घर घरवालों के स्वास्थ्य और भलाई में प्राथमिक योगदान देता है। रसोई एक ऐसी जगह है जो आपकी सेहत ही नहीं सुख-समृद्धि से भी जुड़ी हुई होती है। इसलिए रसोईघर के वस्तु में शुभता और अशुभता का ख्याल रखना बहुत जरूरी है अन्यथा इस स्थान की अनदेखी करने से काफी नुकसान हो सकता हैं और इसका दुष्प्रभाव हमारे जीवन पर भी पड़ता है।

आइये जानते है ऐसे कौनसे वास्तु दोष है जो आपकी किचन को अस्त-व्यस्त रखने के साथ-साथ आपके जीवन की सुख-शांति को भी प्रभावित करता हैं जैसे

  • अगर आपकी किचन का निर्माण ईशान कोण (NE) में हुआ है।
  • अगर आपकी किचन का निर्माण ब्रह्मस्थान में हुआ हैं।
  • अगर आपकी किचन का निर्माण नैऋत्य कोण (SW) में हुआ है।
  • अगर आपकी किचन का निर्माण सीढ़ियों के नीचे हुआ है।
  • अगर आपकी किचन का निर्माण शौचालय के सामने हुआ है।
  • अगर आपकी किचन का निर्माण में प्रकाश व हवा के लिए पर्याप्त खिरकी या दरवाजें नहीं हैं।
  • अगर आपकी किचन का निर्माणबहुत ही छोटी सी जगह में हुआ हैं।
  • अगर आपकी किचन में पानी से जुडी जगह का निर्माण आग्नेय कोण में हुआ है।
  • अगर आपकी किचन का निर्माण खाना बनाते समय मुंह दक्षिण दिशा में होना |
  • अगर आपकी किचन में खाना बनाते समय आपका मुँह पश्चिम दिशा में रहता हैं।
  • अगर आपकी किचन का निर्माण एक बहुमंजिला ईमारत में हुआ है जहाँ पर आपकी किचन के ऊपर शौचालय बना हुआ हैं।
  • अगर आपकी किचन में गैस स्टोव या चूल्हे के ऊपर अलमारी का निर्माण करवाया हुआ हैं।
  • अगर आपकी किचन में सामान को स्टोर करने के लिए अलमारियां उत्तर या पूर्व दिशा में बानी हुई हैं।

 आइये जानते है कैसे इन छोटे -छोटे वास्तु टिप्स को अपनाकर आप अपनी किचन को समृद्ध बना सकती हैं - 

  1. वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई का आदर्श स्थान आपके घर की दक्षिण-पूर्व दिशा है। यदि किसी कारण से, आप ऐसा करने में असमर्थ हैं, तो उत्तर-पश्चिम दिशा का चयन किया सकता हैं। हालांकि आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रसोईघर का निर्माण घर के उत्तर, उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशाओं में कभी न हो, क्योंकि यह परिवार के सदस्यों के बीच संबंधों को काफी खराब करता हैं।
  2. रसोई के अंदर की सभी वस्तुएं आग का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए गैस के चूल्हे, सिलेंडर, माइक्रोवेव ओवन, टोस्टर और अन्य उपकरणों को रसोई के दक्षिण-पूर्व भाग में रखा जाना चाहिए। इन वस्तुओं को इस तरह से रखा जाना चाहिए कि खाना बनाते समय व्यक्ति का मुंह पूर्व की ओर हों। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह लाता हैं।
  3. वास्तु शास्त्र के अनुसार, वाशबेसिन (सिंक ) और खाना बनाने वाली जगह जिसमें गैस सिलेंडर और ओवन शामिल हैं, दोनों को कभी भी एक ही जगह पर नहीं होना चाहिए यानि ये दोनों एक दूसरे के समानांतर नहीं होने चाहिए, क्योंकि आग और पानी दोनों तत्व एक दसूरे का विरोध करते हैं। ऐसा होने से एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं। यह शादीशुदा जोड़ों और परिवार के सदस्यों के बीच झगड़े पैदा करता है।
  4. वॉश बेसिन (सिंक), पानी के पाइप और किचन का नाला किचन के अंदर उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। रसोई में पानी को स्टोर करने के लिए टंकी को कभी भी उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर नहीं देखना चाहिए। वास्तु के अनुसार, पानी के टैंकर को घर के पश्चिमी हिस्से में रसोई के बाहर रखा जाना चाहिए। आग और पानी के तत्वों के बीच संतुलन रखना महत्वपूर्ण है। यदि पानी और आग के संबंध में संतुलन बनाए रखा जाता है, तो घर में धन और समृद्धि आती है और परिवार वाले स्वस्थ्य रहते हैं।
  5. जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए रेफ्रिजरेटर को दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित किया जाना चाहिए। ऐसा करने से रसोईघर में और परिवार वालों के मध्य एक शांतिपूर्ण वातावरण रहेगा।
  6. अनाज और अन्य चीज़ों को स्टोर करने के लिए रसोई के दक्षिण-पश्चिम दिशा का चुनाव होना चाहिए क्योंकि यह सौभाग्य और समृद्धि लाता है।
  7. रसोई घर में खिड़कियां रसोई के उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व खंड का सामना करते हुए होनी चाहिए।
  8. अपनी रसोई को काले रंग से पेंट करने से बचें। इसके बजाय,कुछ अन्य रंगों जैसे पीला, गुलाब, चॉकलेट ब्राउन, हरा, नारंगी या लाल का विकल्प चुनें।