ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी की जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव से जाना सा सकता है की उस व्यक्ति की शिक्षा कैसी होगी और पाँचवे भाव से व्यक्ति की बुद्धि का पता चलता है ।
- जिस जातक की कुंडली में गुरु केंद्र में होता है वो जातक बहुत बुद्धिमान होता है और यदि गुरु उच्च का होता हो तो वो व्यक्ति उच्च शिक्षा प्राप्त करता है ।
- यदि पंचम भाव की राशि का स्वामी केंद्र या त्रिकोण में हो या मित्र राशि में हो तो उस व्यक्ति की शिक्षा अच्छी होती है ।
- यदि किसी की कुंडली में दशमेश व पंचमेश के स्थान में परिवर्तन हो तो यह दर्शाता है की व्यक्ति की शिक्षा अच्छा होगी ।
- जिस जातक की कुंडली में कुम्भ लग्न में एकादश भाव में चंद्र और छटे भाव में गुरु हो तो वो व्यक्ति उच्च शिक्षा प्राप्त करता है ।
- यदि कुंडली में बुध, चंद्र और मंगल पर शुक्र की दृष्टि हो या गुरु की दृष्टि हो, तो वो जातक बहुत विद्वान होता है ।
- यदि गुरु और चन्द्रमा के बीच में राशि परिवर्तन हो तथा चन्द्रमा को गुरु देख रहा हो तो यह इस बात का संकेत है की वो जातक बहुत बुद्धिमान होगा और उस पर सरस्वती की कृपा होगी और वो पढ़ाई के अलावा अन्य क्षेत्रों जैसे की कला, साहित्य में भी उच्च शिक्षा प्राप्त करेगा ।
- यदि दुसरे भाव से आठवे या बारहवे भाव में शुभ गृह स्थित हो ये दर्शाता है की व्यक्ति बहुत बुद्धिमान होगा ।
- यदि व्यक्ति का वृष लग्न हो और सूर्य व बुध की युति चतुर्थ में हो तो उस व्यक्ति को उच्च शिक्षा प्राप्त होती है ।