By: Sonu Sharma
रक्षाबन्धन एक ऐसा त्यौहार है जो सुरक्षा का वचन लेकर आता है, जिसमे भाई अपनी बहन को जीवन भर उसकी रक्षा करने का वचन देता है। इस दिन बहनभाई को तिलक कर उसकी लम्बी उम्र की कामना करती है और भाई अपनी अंतिम सांस तक अपनी बहन की रक्षा का संकल्प करता है ।यह त्यौहार इस महीनेकी 26 तारीख को है, इस बार चार साल में पहली बार ऐसा हो रहा है की रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा । सूर्य के उदय होने से पहले ही भद्रा समाप्त हो जाएगी और बहने पूरे दिन में किसी भी वक़्त अपने भाई को राखी बांध सकती है । यहाँ तक की रात में भी राखी बांधी जा सकती है ।
हिंदू शास्त्र के अनुसार भद्रा सूर्य की पुत्री और शनि की बहन है और इसका स्वाभाव बहुत क्रूर माना जाता है इसीलिए भद्रा में कोई भी शुभ कार्य करने कीमनाही है । ज्योतिष की माने तो कभी भी भद्राकाल में राखी नहीं बांधी जाती है, इसमें राखी बांधने पर अशुभ प्रभाव होता है।
रक्षाबंधन मानाने का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त को सुबह से लेकर साय 4 बजकर 16 मिनट तक है, वैसे तो ये त्यौहार पूरे दिन मनाया जा सकता है लेकिन शाम 4 बजे के बाद परेवा तिथि लग जाएगी इसलिए यदि इससे पहले ही राखी बाँध ली जाए तो बेहतर होगा ।
इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार ग्रहण मुक्त रहेगा और भद्रा का साया भी नहीं है जिसके कारण राजयोग बन रहा है और राजयोग में राखी बांधना बहुत शुभ माना जाता है । राजयोग में राखी बांधने से बहनों के सुख समृद्धि में वृद्धि होती है और भाइयों का भाग्य चमकता है। साथ ही इस दिन सिंहासन योग और गौरी योग भी बन रहा है, इसमें किये गए सब काम मंगलमय होते हैं ।