August 2, 2018 Blog

गरुड़ पुराण के अनुसार यात्रा के लिए बेहद अशुभ है ये तिथियां, टाल दें सभी विचार!

BY : Dr. Arjun Shukla – Professional Tarot Reader

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By: Sonu Sharma

हिन्दू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पूर्व शुभ समय एवं वार देखा जाता है, शुभ - अशुभ को बहुत महत्व दिया जाता है । ज्योतिष शास्त्र में भी यात्रा की शुरुवात से पहले शुभ तिथियां देखना आवशयक है क्युकी यदि यात्रा का समय, तिथि और दिशा ठीक हो तो यात्रा सफल और सुखद रहती है अन्यथा किसी अर्चन का सामना करना पड़ सकता है । जानते है गरुड़ पुराण के अनुसार कौन सा समय यात्रा के लिए शुभ माना जाता है –

-      गरुड़ पुराण के अनुसार प्रथमा यानि प्रतिप्रदा तिथि को किसी भी दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए, यह शुभ परिणाम नहीं देती।

-      द्वितीया तिथि के दिन यात्रा करने से बहुत शुभ परिणाम मिलते है, कार्य में सफलता मिलती है ।

-      तृतीया तिथि के दिन यात्रा करने से भी सफलता हासिल होती है ।

-      चतुर्थी के दिन यात्रा नहीं करनी चाहिए, यह मृत्यु तुल्य कष्ट देती है।

-      पंचमी के दिन यात्रा करना बहुत शुभ होता है, इससे यश और सफलता हासिल होती है ।

-      षष्ठी के दिन यात्रा कदापि नहीं करनी चहिए, इससे हानि हो सकती है ।

-      सप्तमी के दिन यात्रा करना दुःख दायक होता है, यह अशुभ माना जाता है ।

-      अष्टमी के दिन यात्रा करने से व्यक्ति के स्वास्थ पर असर होता है, इस दिन यात्रा करने से बचना चाहिए ।

-      नवमी के दिन यात्रा करना मुसीबत को न्यौता देता है, अशुभ फल प्राप्त होते है ।

-      दशमी के दिन यात्रा करना सिद्धि दायक होता है, श्रेष्ठ फल प्राप्त होते है ।

-      एकादशी की  यात्रा बहुत शुभ होती है, द्वादशी को यात्रा करने से धन की हानि हो सकती है, त्रयोदशी की यात्रा करने से सफलता मिलती है और रुके हुए काम पूरे हो जाते है तथा चतुर्दशी के दिन यात्रा करने की मनाही है, इस दिन यात्रा को टालने का प्रयास करना चाहिए ।

 
Author: Dr. Arjun Shukla – Professional Tarot Reader

Dr. Arjun Shukla, a tarot expert with 10+ years’ experience, offers intuitive guidance through tarot symbolism, helping individuals find clarity, direction, and confidence in life’s challenges.