लेखिका : रजनीशा शर्मा
भारत के ज्ञान विज्ञान को तो सभी जानते है भारत विश्व गुरु ऐसे ही नहीं है | हमारे विद्वानों ने जो नियम बनाये है आज वैज्ञानिक भी उसे धीरे धीरे शोधो से साबित करते जा रहे है | आइये आज जानते है हमारे विद्वानों द्वारा बनाये सोने के नियमो का वैज्ञानिक आधार -
1 - सुबह 5 से 7 बजे के बीच सोते रहने से आंते गंदगी को अवशोषित कर लेती है और कब्ज तथा पेट के अन्य रोग उत्पन्न हो जाते है |
2 - जो लोग 7 से 9 बजे के बीच सोते रहते है वे शारीरिक रूप से कमजोर होते जाते है | इस समय को सुबह के नाश्ते का उत्तम समय माना जाता है | इस समय शरीर पाचन रस का श्रावण करता है और शरीर अधिक क्रिया शील रहता है |
3 - 11 से 1 बजे के बीच में सोने वाले व्यक्ति नकारात्मक विचारो से भरे रहते है यह समय सभी आवश्यक कार्यो के लिए है दोपहर का यह समय जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए गतिशील रहने का समय है |
4 - दोपहर एक से 3 बजे के बीच छोटी आंत सक्रिय रहती है यह भोजन से मिले पोषक तत्वों को अवशोषित करती है और अवयवों को बड़ी आंत में धकेल देती है | इस समय पानी अधिक पीना चाहिए | यदि ऐसा ना हो तो मनुष्य रोगी एवं दुर्बल हो जाएगा |
5 - दोपहर 3 से 5 बजे किया गया भोजन एवं पानी अवशोषित हो जाता है और बार बार मूत्र त्याग के लिए जाना पड़ता है इस समय सोने से नींद पूरी भी नहीं होती और शारीरिक क्रिया में व्यवधान उत्पन्न होता है |
6 - शाम के समय हल्का भोजन करे और सूर्यास्त के समय कुछ भी खाना पीना नहीं चाहिए दिन के इस समय ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है और इस समय ग्रहण किया गया भोजन विष समान माना गया है |
7 - शाम को 7 से 9 बजे के बीच अग्नाशय और गुर्दे अधिक सक्रिय रहते है इस समय भोजन कर लेना चाहिए |
8 - रात्रि 9 से 11 बजे के बीच किया गया भोजन हानिकारक माना गया है | यह हानिकारक तत्व उत्पन्न करता है | इस समय शरीर के पाचन संस्थान अवयव विश्रांति प्राप्त करते है |
9 - यदि आप 11 से 1 बजे के बीच जगते है तो इससे अनिद्रा , सिरदर्द ,पित्त विकार एवं नेत्र रोग उत्पन्न होते है |
10 - 1 से 3 बजे के बीच व्यक्ति को गहरी नींद में सोना चाहिए इस समय यकृत सक्रिय रहता है | इस समय ना सोने से पाचन तंत्र बिगड़ जाता है |
Dr. Arjun Shukla, a tarot expert with 10+ years’ experience, offers intuitive guidance through tarot symbolism, helping individuals find clarity, direction, and confidence in life’s challenges.