कुंडली से जाने व्यवसाय में हानि के योग!

कुंडली से जाने व्यवसाय में हानि के योग!

लेखक: सोनू शर्मा

जब भी व्यक्ति पैदा होता है तब वह अपनी कुंडली में अनेक योग लेकर आता है, कुछ योग शुभ तथा कुछ योग बहुत अशुभ होते है जो व्यक्ति को निरंतर हानि की ओर ले जाते है, व्यक्ति को हर ओर आर्थिक, व्यावसायिक तथा सामाजिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, बहुत मेहनत करने के बाद भी व्यवसाय में असफलता का सामना करना पड़ता है । जानते है ऐसे कुछ योग जो व्यक्ति को व्यवसाय में असफलता देते है -

- यदि कुंडली में कालसर्प योग का सम्बन्ध दसवे भाव या दशमेश, नवम भाव या नवमेश से हो तो व्यवसाय में रूकावट आती है । व्यक्ति कोशिश करता है पर सफल नहीं हो पाता ।

- यदि कुंडली में पंचमेश और नवमेश छटे या आठवें भाव में हों तो भी व्यक्ति को व्यवसाय में सफलता नहीं मिलती ।

- यदि मंगल ओर शनि या मंगल ओर सूर्य अथवा अष्टम भाव का स्वामी और दशम भाव के स्वामी का राशि परिवर्तन या दृष्टि सम्बन्ध हो तो व्यक्ति को व्यवसाय में रुकावटों का सामना करना पड़ता है ।

- यदि किसी की कुंडली में लग्नेश पाप ग्रह के साथ छठे, आठवें या बारहवे भाव में बैठा हो तो व्यक्ति को व्यवसाय में हानि होने की सम्भावना होती है ।

- यदि दशमेश का सम्बन्ध अष्टमेश से हो तो व्यवसाय में रुकावट आती है । छटे भाव का स्वामी यदि दशम भाव में हो तो व्यवसाय में हानि होती है ।

- यदि कुंडली में ग्यारहवे भाव में शनि, मंगल और राहु की युति हो तो व्यवसाय में रुकावट आती है और लाभ बहुत देर बाद प्राप्त होता है ।