नौ देवी के नौ मंत्र
इस दौरान 9 दिन तक पूजा चलती है. हालांकि, नवरात्रि में सप्तमी तिथि से कन्या पूजन शुरू हो जाता है और इस दौरान कन्याओं को घर बुलाकर उनकी आवभगत की जाती है. दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन इन कन्याओं को नौ देवी का रूप मानकर इनका स्वागत किया जाता है. माना जाता है कि कन्याओं का देवियों की तरह आदर सत्कार और भोज कराने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को सुख समृधि का वरदान देती हैं.
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माता शैलपुत्री : मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:।'
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माता ब्रह्मचारिणी : मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:।'
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माता चन्द्रघंटा : मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चन्द्रघंटायै नम:।'
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माता कूष्मांडा : मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नम:।'
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माता स्कंदमाता :मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कंदमातायै नम:।'
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माता कात्यायनी : मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायनायै नम:।'
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माता कालरात्रि :मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम:।'
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माता महागौरी : मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्ये नम:।'
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माता सिद्धिदात्री : मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्यै नम:।'