July 18, 2019 Blog

मंगली दोष का निरस्तीकरण, जाने क्या होते हैं दुष्प्रभाव

BY : STARZSPEAK

मंगली दोष के अन्य नाम मांगलिक या मंगल दोष है| यह दोष तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह आपकी कुंडली के 1, 4, 7, 8 और 12 घर में उपस्थित होता है| यह दोष हमें तरह-तरह के दुष्परिणाम देता है| इसका निरस्तीकरण बहुत आवश्यक होता है|आज हम जानेंगे कि मंगली दोष के क्या नुकसान होते हैं और इसका निरस्तीकरण कैसे कर सकते हैं?

मंगली दोष के नुकसान

व्यक्ति हो जाता है उताबला

मंगली दोष वाला जातक स्वभाव से संयमहीन हो जाता है जिस वजह से वह कई जगह परेशान होता रहता है| सयंम करना उसके लिए एक चुनौती जैसे होता है|

दुर्घटना की आशंका

मंगली दोष का जातक अक्सर दुर्घटना का शिकार होता रहता है| अगर वह दुर्घटना का शिकार नहीं भी होता है तो भी उसके जीवन में दुर्घटना की स्थिति बनी रहती है| इस दोष से पीड़ित व्यक्ति अकसर रसायन, बिजली, वाहन, आग हथियार और अत्यधिक ऊर्जा के चलते दुर्घटना का शिकार होता है|

दाम्पत्य जीवन में पड़ता है प्रभाव

मंगली दोष वाला व्यक्ति अपने दाम्पत्य जीवन का आनंद सही ढंग से नहीं ले पाता है| कभी-कभी दाम्पत्य जीवन में क्लेश भी अपना स्थान बना लेता है| इसलिए शादी के पहले इसका निरस्तीकरण आवश्यक है|

वर और कन्या के मंगली दोष का निरस्तीकारण

मंगली दोष से दाम्पत्य जीवन पूर्ण रूप से प्रभावित होता है| लोग इस बात को हलके में ले लेते हैं और अकसर इस दोष के चलते कई तरह की दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं| आइये जानते हैं मांगलिक दोष का निरस्तीकरण हम कैसे कर सकते हैं|मंगली दोष का निरस्तीकरण अकसर विवाह के पहले हे किया जाता है तब यह दोष इतना प्रबल नहीं होता है|

1.   यदि वर अथवा कन्या में कोई एक मांगलिक दोष से पीड़ित है और मंगल की दशा शासित वृश्चिक अथवा मेष राशि में है तो इसका निरस्तीकरण स्वयं हो जाएगा|

2.   मांगलिक दोष से पीड़ित व्यक्ति की शादी 28 वर्ष के बाद किसी दूसरे मांगलिक दोष से पीड़ित के साथ कराने से दोनों के मांगलिक दोष का निरस्तीकरण हो जाता है।

 

मंगली दोष के उपाय

1.  मंगलवार के दिन हनुमान जी का व्रत और पाठ से मंगल दोष को दूर करना आसान है।

2.  मांगलिक दोष से पीड़ित व्यक्ति अगर शादी के पहले किसी पेड़ या कलश से विवाह करता है तो भी यह दोष नष्ट हो जाता है। इस विवाह को कुम्भ विवाह भी कहा जाता है|

3.  पीपल के पेड़ की पूजा गाय के दूध से करने से भी मांगलिक अथवा कुज दोष का प्रभाव कम होता है|

4.  लोगों की यह भी मान्यता है कि अगर आप घर में हांथी के दांत रखते हैं तो इससे भी मंगली दोष का निवारण हो जाता है|

शादी के बाद मंगली दोष के उपाय

अगर वर और कन्या की शादी हो चुकी है और मंगली दोष के बारे में देरी से पता चला है तो कुछ उपाय की मदद से इस दोष को दूर किया जा सकता है|

1.  पत्नी हर मंगलवार को व्रत रहे और पूर्ण विधि से माँ ‘मंगला-गौरी’ की पूजा-अर्चना करे| इससे दाम्पत्य जीवन में आने वाले संकट टल जाते हैं और जीवन सुखी रहता है|

2.  उज्जैन में स्थित मंगलनाथ मंदिर में जोड़े को व्रत रहकर पंडितों की मदद से भात पूजन का कार्यक्रम विधि विधान से करवाना चाहिए| इससे भी मंगली दोष खत्म होता है|


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