May 28, 2017 Blog

गृहो के अनुसार इन रत्नो को धारण करने से मिलेगी जीवन में सफलता ,सभी कष्ट होंगे

BY : STARZSPEAK

लेखिका : रजनीशा शर्मा

गृहो के अनुसार इन रत्नो को धारण करने से मिलेगी जीवन में सफलता ,सभी कष्ट होंगे दूर

आपकी कुंडली में ग्रहो की स्थिति आपके जीवन के चक्र को नियंत्रित करती है ,यह अति आवश्यक है की जिन गृहो का आपकी कुंडली में दोष हो अर्थात उनकी स्थिति अच्छे फल देने वाली ना हो तो उन गृहो की शांति के लिए विभिन्न उपाय करने चाहिए | रत्न धारण करना भी इसी क्रम में एक ज्योतिष विधि है परन्तु रत्न धारण करते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखें की वह रत्न आपकी राशि के अनुसार भी उपयुक्त हो | विभिन्न गृहो की शांति के लिए उनके अनुसार ही रत्नो को धारण करना चाहिए -

 चंद्र गृह - इस गृह से संबंधित रत्न मोती है .जिनकी कुंडली चन्द्रलग्न की हो उन्हें मोती धारण करना चाहिए . इस लग्न की कुंडली वाले व्यक्तियों को यह रत्न केतु तथा मंगल की अशुभ दृस्टि से बचाता है और शुभ परिणाम देता है |

 मंगल गृह - इस गृह का संबंधित रत्न मूंगा है .मंगल लग्न की कुंडली में यदि मंगल अस्त हो या पीड़ित हो तो मूंगा इसके अशुभ परिणामो को शुभ परिणाम में परिवर्तित करने में सहायक होता है |

 बुद्ध गृह - इस गृह का संबंधित रत्न पन्ना है .कुंडली में बुद्ध शुभ भाव में होने पर ही मूंगा धारण करना चाहिए. अन्यथा इसके अशुभ परिणाम भी प्राप्त हो सकते है |

 वृहस्पति गृह -इसका संबंधित रत्न पुखराज है .जिस कुंडली में गुरु निर्बल हो या दोष युक्त हो वह व्यक्ति यदि पुखराज धारण करे तो वह अपने जीवन को कष्ट मुक्त कर सुखदायी बना सकता है |

 शुक्र गृह - इस गृह का संबंधित रत्न हीरा है .कुंडली में शुक्र गृह - के दोष युक्त होने पर हीरा धारण करना चाहिए इससे शुक्र गृह के द्वारा पड़ने वाले प्रभाव समाप्त हो जाते है |

 शनि गृह - इस गृह का संबंधित रत्न नीलम है यदि कुंडली में शनि गृह पापक ग्रहो के साथ मिलकर अशुभ स्थिति बना रहा हो तो इसके बुरे प्रभाव को समाप्त करने के लिए नीलम धारण करना चाहिए |

 राहु गृह - यदि कुंडली में राहु की स्थिति अच्छी न हो तो संबंधित व्यक्ति को शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए व अशुभ प्रभाव को काम करने के लिए गोमेद रत्न धारण करना चाहिए |

 केतु गृह -यह गृह यदि कुंडली में दोष युक्त हो तो बहुत ही अशुभ परिणाम देता है .इसका निवारण अवश्य करना चाहिए अन्यथा परिणाम गंभीर भी हो सकते है इसके अशुभ परिणाम को काम करने के लिए लहसुनिया रत्न धारण करे |

 सूर्य गृह - सूर्य गृह सभी ग्रहो का स्वामी है ,और इसका संबंधित रत्न माणिक्य अर्थात रूबी है ,सूर्य यदि कुंडली में उच्च स्थान पर न हो तो यह रत्न मनोवांछित परिणाम नहीं देता |